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राम मंदिर – जानिए इतिहास शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी। 22जनवरी 2024 को उद्घाटन

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राम मंदिर का सम्पूर्ण इतिहास

परिचय :

आखिरकार वह समय आ ही गया जिसका लगभग हर भारतीय को बेसब्री से इंतजार था, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में किया जायेगा राम मंदिर का उद्घाटन। और पूरे भारत मे एक और दिवाली मनाई जाएगी।
आज के समय में राम का नाम केवल अयोध्या में ही नहीं बल्कि पूरे देश के गूंज रहा है। लेकिन क्या आप जानते है कि श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या किसने स्थापित की थी?, कैसे राम मंदिर को हटा कर उस स्थान पर बाबरी मस्जिद बनवाई गई थी और कैसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर बनाया गया, आइए जानते है शुरुआत से लेकर अब तक का पूरा इतिहास।

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पहला चरण :- किसने बसाया था अयोध्या को, श्रीराम के शासन काल में कैसी थी अयोध्या ?

‘राम मंदिर का संपूर्ण इतिहार’ के पहले चारण में हम जानेंगे की राम जन्मभूमि “अयोध्या” को किसने बसाया और श्रीराम के शासनकाल में कैसी थी अयोध्या !

अयोध्या, जिसे साकेत के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक अति प्राचीन धार्मिक नगर है.
यह नगर पवित्र सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है. अयोध्या हिंदुओ के सात पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है. जिसमें अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांची , अवंतिका और द्वारका शामिल है.

 किसने की अयोध्या की स्थापना ?

हिंदू महाकव्य रामायण के अनुसार, अयोध्या की स्थापना महान राजा मनु ने की थी, जिन्हें हिंदू परंपरा में मानवता का पूर्वज माना जाता है. यह शहर हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक, भगवान राम के जन्म स्थान से भी प्रसिद्ध है. अयोध्या नगरी के दशरथ महल में ही प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था.

अयोध्या का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, इसका सबसे पहला संदर्भ अथर्ववेद में पाया जा सकता है, जो सबसे पुराने हिंदू ग्रंथों में से एक है, और लगभग 1000 ईसा पूर्व का है. इस शहर का उल्लेख एक अन्य महाकाव्य हिंदू ग्रंथ महाभारत में भी किया गया है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी रचना 400 ईसा पूर्व और 400 ईस्वी के बीच हुई थी.

अयोध्या में श्री राम का शासन

अयोध्या में श्री राम के शासन की बात करे तो रामायण के अनुसार, भगवान राम ने वनवास से लौटने और रावण का वध करने के बाद अयोध्या पर शासन किया. वे अयोध्या के 64 वें राजा बने, उनके शासनकाल को एक आदर्श और न्यायपूर्ण शासन के रूप में चित्रित किया जाता है, उनके शासनकाल को “राम राज्य” के रूप में आज भी याद किया जाता है.

कई वर्षो तक अयोध्या पर राज्य करने के बाद श्री ने जल समाधि ले ली, जिसके बाद अयोध्या की राजगद्दी उनके पुत्र लव और कुश को मिली. श्री राम के दोनों पुत्र अपने पिता की तरह ही पवित्र और धार्मिक स्वभाव के लिए जाने जाते थे. हालाँकि, उन्होंने अयोध्या पर एक राज्य के रूप में शासन नहीं किया बल्कि इसे दो भागों में विभाजित कर दिया।
लव ने पूर्वी भाग पर शासन किया, जिसे बाद में किटियारी के नाम से जाना जाने लगा, जबकि कुश ने पश्चिमी भाग पर शासन किया, जिसे कुशस्थली कहा गया।
समय के साथ साथ , अयोध्या में शासकों में कई बदलाव हुए और कई राजा महाराजाओं के अयोध्या पर राज किया।

“राम मंदिर का संपुण इतिहास” के दूसरे चरण में हम जानेंगे की अयोध्या में सबसे पहले, राम मंदिर का निर्माण किसने करवाया था, और कैसे मंदिर को नष्ट कर वहा बाबरी मस्जिद को बनाया गया।

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